निरंतर आय वृद्धि प्रयोग :
सामग्री : व्यापर वृद्धि यंत्र , लघु नारयल ,८ लोहे की कील
पद्धति : एक कला धागा लेकर उसमे ८ कील एक लायन में बांध ले। बिल्व पत्र पर लाल चन्दन लगाकर २७ पत्ते तैयार करके रखें। एक थाली में स्वस्तिक बनाकर उस पर फूल बिछाकर उस पर यंत्र स्थापीत करें। उस पर लघु नारयल स्थापित कर दे। अब मंत्राच्चार करते हुए बिल्व पत्र लघु नारियल पर चढ़ावे।
मंत्राच्चार के बाद धागा कील सहित नारयल पर लपेट दे। उसी दिन लघु नारियल अवं बिल्व पत्र को घर से दूर जमीं में खड्डा खोदकर मिट्टी में दबा दे। यदि बिल्व पत्र उपल्ध न हो तो पीपल के पत्ते उपयोग में लिए जा सकते है। व्यापर वृद्धि यन्त्र को व्यावसायिक जगह पर लगा दे।
मंत्र :
ॐ ध्रम ध्राम ध्रिम ॐ।
सामग्री : व्यापर वृद्धि यंत्र , लघु नारयल ,८ लोहे की कील
पद्धति : एक कला धागा लेकर उसमे ८ कील एक लायन में बांध ले। बिल्व पत्र पर लाल चन्दन लगाकर २७ पत्ते तैयार करके रखें। एक थाली में स्वस्तिक बनाकर उस पर फूल बिछाकर उस पर यंत्र स्थापीत करें। उस पर लघु नारयल स्थापित कर दे। अब मंत्राच्चार करते हुए बिल्व पत्र लघु नारियल पर चढ़ावे।
मंत्राच्चार के बाद धागा कील सहित नारयल पर लपेट दे। उसी दिन लघु नारियल अवं बिल्व पत्र को घर से दूर जमीं में खड्डा खोदकर मिट्टी में दबा दे। यदि बिल्व पत्र उपल्ध न हो तो पीपल के पत्ते उपयोग में लिए जा सकते है। व्यापर वृद्धि यन्त्र को व्यावसायिक जगह पर लगा दे।
मंत्र :
ॐ ध्रम ध्राम ध्रिम ॐ।
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