पुष्य (फूल)- देवताओं को अथवा अपने किसी भी आराध्यदेव को पुष्प अर्पित करने का अर्थ होता है , उनको प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करना ! आध्य...
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जप फल और माला का प्रभाव
मंत्र कोई भी हो और किसी भी प्रकार का ही , उसके उच्चारण करने को ही " जप " कहते हैं। जप करना मंत्र-साधना अथवा मंत्र-प्रयोग का क्र...
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मुहूर्त
आकाश में सूर्य , चंद्रादि ग्रहों की स्थिति से वातावरण निरंतर प्रभावित रहता है । जिस समय वायु-मंडल में जैसा प्रभाव होगा , मंत्र-साधना में भ...
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मंत्र विद्या से संबंधित नियम
नियम के बिना जीवन में कुछ भी संभव नहीं है , क्योंकि नियम से कार्य-विधि और उसकी परिणति निश्चित रहती है। मंत्र , तंत्र , जप और तप में विद्वा...
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गर्व
“ आत्मनो गरीयस्त्वभावोः ", अर्थात गर्व अपनी श्रेष्ठता का भाव है। धनंजय के अनुसार गर्व जन्म , सौंदर्य , शक्ति , संपत्ति बाटि के कारण...
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